बहुत सारी फिल्मों में बुरे आदमी या खलनायक की भूमिका निभाने वाले अभिनेता प्राण के प्रशंसकों में अमिताभ बच्चन भी हैं. सिनेमा प्रेमियों के बीच ये कहानी तो मशहूर है ही कि ‘जंजीर’ में सबसे पहले प्राण ने ही अमिताभ बच्चन की सराहना की थी और कहा था कि वे आने वाले समय के बहुत बड़े अभिनेता होंगे. अमिताभ बच्चन भी प्राण की बहुत इज्जत करते रहे हैं. अमिताभ बच्चन फिल्मों में आने से पहले उनसे मिल चुके थे और उनके ऑटोग्राफ भी लिए थे. ये सब अमिताभ बच्चन ने खुद लिखा है.
शानदार अभिनेता प्राण की जीवनी – “और प्राण- एक सचित्र जीवन यात्रा” की भूमिका में इस बेमिसाल अदाकार के बारे में अमिताभ बच्चन ने बहुत सारी बातें लिखी हैं. उन्होंने ये भी लिखा है कि मिलने पर उन्होंने प्राण से ऑटोग्राफ भी लिया. अमिताभ लिखते हैं – ‘1960 के आसपास मैंने प्राण साहब की पहली झलक प्राप्त की थी. मुंबई की इस संक्षिप्त यात्रा के दौरान मैंने अपने पारिवारिक मित्रों से शूटिंग दिखाने का अनुरोध किया. वे मुझे आर. के. स्टूडियो ले गए. वहां मैंने देखा कि लोगों की नजरों से दूर तथा चहल-पहल से जरा हटकर टीन की छाया में प्राण साहब एक कुर्सी पर बैठे हैं. वे बहुत विनम्र और शालीन थे. उन्होंने हम लोगों के साथ फोटो खिंचवाई. उनका ऑटोग्राफ लेकर घर लौटते समय मैं जरा संशय में था. ‘
हिंद पॉकेट बुक्स से प्रकाशित ये किताब बन्नी रुबेना ने लिखी है. भूमिका में आगे अमिताभ लिखते हैं – ‘अन्य लोगों की भांति मेरे मन में भी यही प्रश्न उठ रहा था कि एक खलनायक इतना भला, उदार व सत्कार करने वाला कैसे हो सकता है ?’ अमिताभ बच्चन ने जिक्र किया है कि शायद उस दिन वे मनमोहन देसाई की फिल्म ‘छलिया’ की शूटिंग कर रहे थे. वही जिनके निर्देशन में बाद में अमिताभ बच्चन ने भी कई फिल्में की.
फिर उन्होंने फिल्म ‘जंजीर’ के बारे में विस्तार से लिखा है. उन्होंने ये भी जिक्र किया है कि प्राण के चरित्र शेर खान पर तेज बोलते गालियों की बौछार करते हुए काफी झिझक भी हुई थी. अमिताभ लिखते हैं – ‘आखिरकार मुझे मुख्यतः प्राण साहब के कारण ही जंजीर में लिया गया था.’ फिल्म के – ‘यारी है ईमान मेरा यार मेरी ज़िंदगी’, गीत का जिक्र करते हुए वे लिखते हैं कि ये फिल्म का मुख्य आकर्षण था, जिसमें उन्होंने (प्राण ने) अतुलनीय उत्साह और शक्ति से डांस करके एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया था. अपनी दूसरी फिल्मों में प्राण के साथ जुगलबंदी का हवाला देते हुए उन्होंने लिखा है कि प्राण के पास उर्दू अदब और शायरी की बेहतरीन जानकारी और शौक था. खेल जगत की घटनाओं पर भी उन्हें ताजातरीन जानकारी थी और शिकार का भी उन्हें शौक था.
प्राण के बहुमुखी अभिनय का जिक्र करते हुए उन्होंने ये भी लिखा है कि ये भी हैरत की बात है कि प्राण खुद अपनी फिल्में नहीं देखते थे. ‘जंजीर’ रिलीज होने के बीस साल बाद उन्होंने फिल्म देखी और तब फोन करके कहा अमिताभ से कहा – ‘फिल्म में तुम्हारा काम मुझे बहुत पसंद आया.
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Tags: Amitabh Bachachan, Bollywood, Film world
FIRST PUBLISHED : February 10, 2023, 19:18 IST