पुस्तक के अनुसार, उनके पिता ने उन पर चिकित्सा विज्ञान में करियर बनाने का दबाव डाला, तब मिश्रा ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और 20 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय नाटक विद्यालय (एनएसडी) में दाखिला लेने का फैसला किया. वह शुरू में दिल्ली छोड़ने के इच्छुक नहीं थे जबकि उनके दोस्त करियर बनाने के लिए मुंबई चले गए थे. हालांकि पीयूष 2000 की शुरुआत में मुंबई चले गए. इसके बाद उन्होंने विशाल भारद्वाज की ‘मकबूल’ (2004), अनुराग कश्यप की ‘गुलाल’ (2009) और 2012 में आई ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से खुद को अभिनेता, गीतकार, गायक और पटकथा लेखक के तौर पर स्थापित किया. (फोटो साभारः Instagram @officialpiyushmishra)
50 साल पहले घटी थी एक घटना, आज तक झेल रहे उसका दर्द, पीयूस मिश्रा बोले- ‘एक महिला रिश्तेदार ने…’
